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इनकम टैक्स में मध्यवर्ग को राहत : एक नज़र में जानें, क्या-क्या हुए हैं बदलाव

इनकम टैक्स में मध्यवर्ग को राहत : एक नज़र में जानें, क्या-क्या हुए हैं बदलाव

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नई दिल्ली: वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आम बजट 2017 (Union Budget 2017-18) में इनकम टैक्स दरों में बदलाव के ज़रिये मध्यवर्ग को राहत देते हुए 2.5 लाख रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक की सालाना आय पर 5 फीसदी टैक्स का ऐलान किया है, जबकि अब तक यह दर 10 फीसदी थी.[post_ads]
बता दें कि नई दर अगले वित्तवर्ष, यानी 2017-18 के लिए हैं और 1 अप्रैल से लागू मानी जाएगी. यानी मौजूदा वित्तवर्ष (2016-17) के लिए जो टैक्स आप भरेंगे, वह मौजूदा व्यवस्था के अंतर्गत ही होगा. (अरुण जेटली का पूरा भाषण पढ़ें)

इसके अलावा 50 लाख से 1 करोड़ रुपये तक की आय पर 10 प्रतिशत सरचार्ज लगाया गया है और एक करोड़ से अधिक की आय पर लगने वाला 15 प्रतिशत सरचार्ज बरकरार रहेगा. इससे सरकार को 2,700 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे. सरकार के इस ऐलान से छोटे कारोबारियों और मध्य वर्ग को राहत मिलेगी. 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने के लिए टैक्‍स में छूट का ऐलान करते हुए जेटली ने कहा कि काले धन की जांच के लिए विशेष जांच दल बनाया जाएगा और अब तीन लाख से ऊपर नकद लेनदेन प्रतिबंधित कर दिया गया.

मौजूदा व्यवस्था में 2,50,000 रुपये वार्षिक तक करयोग्य आय वालों को कोई आयकर नहीं देना होता, जबकि 2,50,001 से 5,00,000 रुपये तक 10 फीसदी टैक्स, 5,00,001 से 10,00,000 रुपये तक की करयोग्य आय वालों को 20 फीसदी टैक्स, और 10,00,001 तथा उससे अधिक कमाने वालों को 30 फीसदी टैक्स देना पड़ता है.

बुधवार को पेश किए गए बजट में जेटली ने कहा कि नोटबंदी का प्रभाव अगले वित्तवर्ष पर नहीं पड़ेगा और हमें पूरा भरोसा है कि नोटबंदी और जीएसटी (GST) का लोगों के जीवन पर सकारात्मक असर होगा. उन्होंने यह भी कहा कि नोटबंदी जनहित में लिया गया एक बड़ा और साहसिक फैसला था. इस कदम से कर चोरी करने वालों से सरकार के खजाने में धन लाने में मदद मिलेगी.
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